Friday, February 12, 2021

संत रविदास जी के अनमोल वचन | Sant Ravidas Quotes In Hindi

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About Ravidas Ji In Hindi : रविदास 15 वीं से 16 वीं शताब्दी के दौरान भक्ति आंदोलन और रविदासिया धर्म के संस्थापक भारतीय रहस्यवादी कवि-संत थे। गुरु रविदास जी (Guru Ravidas Ji) उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के क्षेत्र में एक गुरु के रूप में प्रतिष्ठित हुए। वह एक कवि-संत, समाज सुधारक और आध्यात्मिक व्यक्ति थे।आज हम आपको संत रविदास जी (Saint Ravidas) के दिए कुछ विचारो के बारे बताएंगे जिन्होंने लोगो को बोहत प्रेरित किया -


गुरु रविदास जी के ज्ञानमय विचार | Guru Ravidas Quotes In Hindi


1. आप अपने आध्यात्मिक गुरु से सांत्वना पा सकते हैं – गुरु रविदास

2. अपने दिल और आत्मा के साथ खुद को प्रभु  को समर्पित कर दो ,आपको शांति और आनंद प्राप्त होगा – गुरु रविदास

3. अगर आपका दिल शुद्ध है, तो आपके पास में रखा पानी भी पवित्र पानी है। पवित्र डुबकी लगाने के लिए आपको कहीं भी दूर जाने की जरूरत नहीं – गुरु रविदास

4. आप ही हमें ज्ञान का प्रकाश दिखाएं और हमरी मूर्खता को दूर करें – गुरु रविदास

5. कोई भी मनुष्य अपने जन्म के कारण छोटा या बड़ा नहीं होता ,मनुष्य के अपने कर्म ही उसे बड़ा और निचा बनाता है – गुरु रविदास

6. कर्म हमारा धर्म और फल हमारा सौभाग्य है इसलिए मनुष्य को हमेशा अपने कर्म करते रहना चाहिए कभी भी उसके फल की आशा भी नहीं रखनी चाहिए  – गुरु रविदास

रविदास के विचार | Ravidas Ji Quotes In Hindi


7. जिस प्रकार सागर में तेज़ हवा के कारण समुन्द्र में ऊंची ऊंची लहरें उठती हैं और उसके बाद सागर में ही समा जाती हैं,उनका अपना अलग अस्तित्व नहीं होता।इसी प्रकार ईश्वर के बिना व्यक्ति का कोई अस्तित्व नहीं है  – गुरु रविदास

8. ईश्वर कभी उस दिल में निवास करते हैं जिसके मन में किसी अन्य व्यक्ति के प्रति कोई दोष ,लालच या द्वेष न हो – गुरु रविदास
 
9. व्यक्ति हमेशा मोह माया में फंसा व्यक्ति भटकता ही रहता है ,माया को पैदा करने वाला वह ईश्वर ही इससे आपको मुक्ति दे सकता है – गुरु रविदास

10. मन चंगा तोह कटौती में गंगा – गुरु रविदास

11. सभी मनुष्य समझते है कि संसार ही असली सत्य है किन्तु ऐसा नहीं है , ये संसार वास्तव में सबसे बड़ा असत्य है – गुरु रविदास

12. अपने आप को उस प्रभु के चरणों में समर्पित करना ही असली भक्ति है , पूजा की भौतिक वस्तुएं सांसारिक है  – गुरु रविदास

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